हमारे देश में वीमेन एम्पावरमेंट का मतलब दारू सिगरेट पीना, एक्स्ट्रा
मैरिटल अफेयर करना, या चीथड़े जैसे कपड़े पहनना नहीं है ।
A video by an actress named Deepika Padukone has been in circulation where she can be seen giving advice to all women.
For example -
■ A woman can have sex before marriage
■ A woman can cheat her husband.
■ A woman can love anyone temporary
■ She can choose to love a man or a woman or both
Because....
Its her body, her mind, her Choice.
दीपिका जी शादी से पहले के आपके किस से क्या सम्बन्ध हैं, और शादी के बाद आप क्या करती हैं वो आपका निजी विषय है, लेकिन अगर आपकी निजी सोच इतनी कुत्सित है तो उसे निजी ही रखिये सार्वजानिक न करिये.
वोग मैगज़ीन अपना करोड़ो का कारोबार करने के बाद मात्र सौ गरीब महिलाओ के नाम बता दे जिन्हे वोग ने अपने ब्रांड के कपड़े या गॉगल महिला सशक्तिकरण की चैरिटी के नाम पर गिफ्ट किये होंगे, नहीं ये कैसे हो सकता है, वो तो आपके ब्रांड के हैं, ऐसा करने से आपकी ब्रांड वैल्यू ख़राब हो जाएगी,
लेकिन महिला सशक्तिकरण की आड़ लेकर आप इस देश की संस्कृति को तार तार कर दें वो चलेगा.
* सबसे पहली बात तो ये है अपनी मैगज़ीन के नाम के साथ इंडिया लगाने से आप भारतीय नहीं हो जाते,
* दूसरी बात जिन कपड़ो को आप लेटेस्ट फैशन बता अपनी मैगज़ीन में प्रमोट करते हैं वैसे कपड़ो का हम भारतीय पोछा लगाने, गाड़ी या जूतो को पोछने या जमी हुयी धूल झाड़ने में करते हैं,
* तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात, ये कल्चर आपके अमेरिका का होता है जहाँ एक लड़की बिन ब्याहे तीन चार बच्चे भी पैदा कर लेती है और तीनो चारो बच्चो के पिता अलग अलग इंसान होते हैं, हम हिन्दुस्तानियो का नहीं,
* चौथी बात हमारे देश में वीमेन एम्पावरमेंट का मतलब दारू सिगरेट पीना, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करना, या चीथड़े जैसे कपड़े पहनना नहीं है, ये तुम्हारे अमेरिका का कल्चर होगा जहाँ औरतो को यूज़ एंड थ्रो प्रोडक्ट समझा जाता होगा,
जब बाकि दुनिया के लोग ठीक से पढ़ना लिखना नहीं जानते थे, तब से हमारे देश में हर कार्य में महिलाओ की सशक्त भूमिका रही है,
तब सीता माता अपने पति के लिए राजपाट छोड़ के वनवास जा चुकी थी, माता जीजा बाई ने एक शिवाजी तैयार कर दिया था, महारानी अहिल्या बाई इंदौर का राजकाज सम्हाल के समाज सेवा में लग चुकी थी, झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई अंग्रेजो के खिलाफ जंग लड़कर शहादत प्राप्त कर चुकी थी,
और आज डीआरडीओ की अध्यक्ष मिसाइल वुमन टेसी थॉमस हो या आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर चाहे एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा हो या कैपजेमिनी इंडिया की सीईओ अरुणा जयंती, टैफे ट्रैक्टर्स की सीईओ मल्लिका श्रीनिवासन हो या एचपी इंडिया की एमडी नीलम धवन,
चाहे ब्रिटानिया की एमडी विनीता बाली हो या आईबीएम इंडिया की एमडी वनिता नारायणन, या इंटेल इंडिया की प्रेसिडेंट कुमुद श्रीनिवासन, साइना नेहवाल हो या एमसी मैरीकॉम, पीटी उषा हो या कर्णम मल्लेश्वरी, पीवी सिंधु हो या गीता फोगाट...चाहे इस देश की कोई भी कामकाजी महिला हो या इस देश की कोई भी गृहणी, इस देश की बेटियां हर मायने में किसी भी अन्य देश की महिलाओ से ज्यादा सबल, सक्षम, संस्कारी और सशक्त हैं,
और हाँ ये वही देश है जहाँ एक बेटी के साथ बलात्कार होने पर उसके लिए न्याय मांगने पूरा का पूरा देश सड़को पर उतर आया था, जिस से ऐसे दरिंदो के मन में ऐसा घृणित कार्य न करने की भी दहशत होने लगी है,
तो कृपया हमारी सभ्यता को तार तार कर के हमें महिला सशक्तिकरण के ऐसे उल जुलूल पाठ न पढ़ाएं, अगर भारत की सशक्त महिलाओ के सिर्फ नाम ही छापना शुरू करोगे तो कई साल तक तुम्हारी मैगज़ीन में और कुछ छापने की जगह नहीं बचेगी...
धन्यवाद
Deepika Bhardwaj, an Equal Gender Rights activist has put down some thoughts on this video.
Worth reading.